
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वीडियो कान्फ्रेसिंग में प्रदेश में प्रशासनिक सुधार की जरूरत बताई है. उन्होंने बताया उनके निवास पर प्रतिदिन 200 से 250 व्यक्ति मिलने आते हैं. इन्हीं लोगों से वे प्रशासन का फीडबैक लेते रहते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रशासन में नई कार्य संस्कृति विकसित करना है. बेहतर होगा कि कलेक्टर और एसपी अपनी जिम्मेदारियों का गंभीरता से निर्वहन करें.
इंदौर / मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर कलेक्ट्रेट के वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष में प्रदेश के सभी कमिश्नर, कलेक्टर, डीआईजी, एसपी आदि वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे चर्चा की. उन्होंने जन आकांक्षा कार्यक्रम के तहत सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की रेंडमली समीक्षा की. वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी अधिकारी अपने दायित्वों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन करें. उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण समयसीमा में निराकृत किया जायें. सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों में विलम्ब करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में मिलावट करने वालों के खिलाफ मुहिम जारी रखी जाये, मगर व्यापारियों को अनावश्यक परेशान न किया जाये. उन्होंने कहा कि प्रदेश को मिलावट फ्री स्टेट बनाना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक सुधार की जरूरत है. आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाये. उन्होंने कहा कि उनके निवास पर प्रतिदिन 200 से 250 व्यक्ति मिलने आते हैं. वे उनसे प्रशासन का फीडबैक लेते रहते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रशासन में नई कार्य संस्कृति विकसित करना है. कलेक्टर और एसपी अपनी जिम्मेदारियों का गंभीरता से निर्वहन करें.
इस अवसर पर इंदौर कलेक्ट्रेट के वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, एसएसपी श्रीमती रुचिवर्धन मिश्र, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नेहा मीणा, एडीएम अजयदेव शर्मा, कैलाश वानखेड़े, पवन जैन एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे.
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