मध्यप्रदेश में ई-टेंडर घोटाला सामने आया है. घोटाले के व्हिसल ब्लोअर पीएचई के प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल आईएएस ने 3 बड़े मामलों में ई-टेंडर घोटाले को ट्रेप किया है. और मैप-आइटी के डायरेक्टर मनीष रस्तोगी को पत्र लिखकर मामले की तकनीकी जांच करने को कहा है. बताया जा रहा है कि यह घोटाला करीब 3 लाख करोड़ का है. इसमें 05 आईएएस अफसर शामिल बताये जा रहे हैं. ये सभी मुख्यमंत्री शिवराज के करीबी माने जाते रहे हैं. सरकार मामले को दबाने में लग गई है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ मामले को लेकर शिवराज सरकार पर जोरदार हमला बोला है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मामले में बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि ई-टेंडर में भी गड़बड़ी, यह एक बड़ा चौंकाने वाला मामला है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा शिवराज के राज में सब संभव है, सरकार भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी है. जनता के करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहाँ भ्रष्टाचार ना हो, और कोई देखने वाला नहीं है.
कमलनाथ ने कहा 'सीबीआई जांच हो, दोषी सामने आये'
कमलनाथ
ने बताया नल-जल समूह योजना के तहत गाँवों में पानी पहुँचाने के लिये बनी
परियोजना के लिये, ई-प्रोक्योंरमेंट पोर्टल में टेम्परिंग कर लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी के 1000 करोड़ के ई-टेंडर में रेट बदलने का मामला बेहद गंभीर
है. इसकी सीबीआई से जाँच होना चाहिये क्योंकि इनमे से दो टेंडर उन पेयजल
परियोजनाओं के हैं, जिनका शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी
माह करने वाले हैं. नाथ ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिये ई-
टेंडर की व्यवस्था लागू की गयी थी, लेकिन इसमें सामने आयी गड़बड़ी से यह
पूरी व्यवस्था व इसमें अभी तक शामिल लाखों करोड़ों के सभी ई-टेंडर संदेह के
घेरे में हैं, इन सभी की विस्तृत ढंग से जाँच हो, इसके दोषी सामने लाये
जाये.
रिपोर्ट पर ताजा अपडेट -
रिपोर्ट पर ताजा अपडेट -
0 comments:
Post a Comment