इस खबर में जो सबसे भयावह तथ्य बाहर निकल कर आ रहा है वह यह है कि महोदय फरमा रहे हैं कि सब कुछ सहमति से हुआ, मतलब अगर सहमति से हुआ तो जायज है और यह सबसे घातक बात है कि क्या मां बाप अपने बच्चों को धर्मगुरूओं के पास नहीं छोड सकते हैं और यह किसी भी एक धर्म या एक धर्मगुरु की बात नहीं है, ऐसे धर्मगुरु तो सभी धर्मों में कहीं न कहीं मिल ही जायेंगे, चाहे वह हिन्दू, मुस्लिम, जैन, बौद्ध या ईसाई किसी भी धर्म के हों. बात यहां पर 'क्या हुआ', उससे भी महत्वपूर्ण 'क्यों हुआ', की है. बात भरोसा करने और नही करने की है. क्योंकि ऐसी घटनायें तो समाज में एक दूसरे के प्रति भरोसा नहीं करने के लिए ही प्रेरित करेगी.
सूरत। प्रख्यात जैन मुनि शांति सागर के खिलाफ जैन समाज की 19 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जैन मुनि को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि जैन मुनि ने युवती के परिवार को बुलाया और फिर विशेष पूजा के बहाने लड़की को माता पिता से अलग कर दिया। दुष्कर्म के दौरान जब युवती ने विरोध किया तो उसके माता पिता को मार देने की धमकी दी। इससे पहले जैन मुनि ने युवती को कई बार फोन भी किया था। जैन समाजके कुछ संगठनों ने इस प्रकरण का विरोध करते हुए मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
लड़की ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह अपने परिवार के साथ 1 अक्टूबर को सूरत स्थित नानपुरा टीमलियावाड़ में महावीर दिगंबर जैन उपाश्रय में आरोपी जैनाचार्य शांति सागर से आशीर्वाद लेने गई थी। जहां पर जैनाचार्य ने उसके साथ ज्यादती की। आरोप है कि जैन मुनि को पहले से ही पता था कि उसके परिजन भी साथ आएंगे, इसलिए उन्होंने पहले से ही इसकी तैयारी कर ली थी कि वे बीच में न आएं। उसने मां-बाप को बताया कि उनके बच्चों के बेहतर भविष्य व प्रगति के लिए उन्हें विशेष पूजा करनी होगी.
रात 9 बजे जैनाचार्य ने उन्हें पूजा में बिठाकर मंत्रों के उच्चारण में व्यस्त कर दिया। इसके बाद आरोपी युवती को पास के कमरे में ले गया। जहां उसने छेड़खानी शुरू की, जब युवती ने घबराकर मदद के लिए चिल्लाई तो आरोपी ने उसके मां-बाप को मार दिए जाने की धमकी दी।
सिविल में मुनि का पोटेंसी टेस्ट अभी नहीं हो सका। इसके लिए कल सोमवार को पुलिस फिर मुनि को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए ले जाएगी। पोटेंसी टेस्ट से पौरुष शक्ति का परीक्षण होगा।
जैन मुनि पर आरोप के खिलाफ कल शनिवार को सकल दिगंबर जैन समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि लड़की ने जैन मुनि आचार्य शांतिसागर महाराज के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है। यह आचार्य और जैन समाज को बदनाम करने की साजिश है।
एक अक्टूबर की घटना को लेकर 13 अक्टूबर को शिकायत दर्ज करवाना साजिश है। समाज ने कमिश्नर से मामले की सही व न्यायिक जांच कराने की मांग की है। प्रतिनिधियों ने पुलिस से घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच करने की भी मांग की है। साथ ही लड़की और उनके परिजनों की भी जांच हो, जिससे उनके चरित्र के बारे में दुनिया को पता चल सके।
0 comments:
Post a Comment